विविधा


  • मेरी फूलों की टोकरी

    आज चैत्र मास की पहली तिथि है और मन विराट प्रकृति के विस्तार में लीन हो जाना चाहता है। बचपन की यादों का सिलसिला स्मृति-पटल पर छा-सा गया है। मैं हिमालय के आँगन में बसे अपने गाँव की ओर खिंची चली जा रही हूँ जहाँ आज के दिन हम फूल धेई नाम का पर्व मनाते…

  • पाँचवाँ पीरियड

    विद्यालय में मुझे अगर कोई पीरियड सबसे अनोखा लगता है तो वह है पाँचवाँ पीरियड । क्योंकि वह हमेशा ब्रेक के बाद होता है । मॉर्निंग असेंबली के बाद तो बच्चे अपनी -अपनी लाइन में ही सीधे कक्षा में चले जाते हैं । इधर -उधर करने की गुंजाइश नहीं रहती । पाँचवाँ पीरियड तो जैसे…

  • धीरू

    तुम्हारा नाम धीरज है पर मैं तुम्हें प्यार से ‘धीरू’ ही कहती हूँ।जाने अनजाने मैं कब से तुम्हें इस नाम से पुकारने लगी,याद नहीं। दो अप्रैल का दिन था।आज से स्कूल का नया सैशन शुरू होने वाला था।साल के पहले दिन अध्यापकों में नया जोश रहता है।बच्चे भी इससे अछूते नहीं रहते।मार्निंग असेंबली के बाद…

  • आम्र-वल्लरी

    वाटिका में आम्र-तरु फैला विशालसांध्य-घन-सी छाँह और पुलकित बयार ।वृक्ष के नीचे खिली है वल्लरीसूर्य का आतप जलाता बेशुमार । स्नेह का आँचल पसारे पितृ-समआम्र-तरु देता नमी और आर्द्रता ।छत्रछाया में खिली फिर वल्लरीप्राप्त करती प्रेम-रस की स्निग्धता । दिन महीने साल बीते इस तरहदूज के चंदा-सी पुष्पित-पल्लवित ।लहलहाती खिलखिलाती मंद स्मितपा पिता का हाथ…

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